विकासशील देशों में भारत के "गुजरात मॉडल और इंडिया मॉडल" विकास के मील पत्थर साबित हुए हैं - विनय सहस्त्रबुद्धे

विकासशील देशों में भारत के "गुजरात मॉडल और इंडिया मॉडल" विकास के मील पत्थर साबित हुए हैं - विनय सहस्त्रबुद्धे

भारतीय जनता पार्टी के सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि "भारत का गुजरात मॉडल और इंडिया मॉडल" दुनिया भर के विकासशील देशों के लिए विकास का मॉडल साबित हुआ है।

दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात और भारत सरकार के प्रमुख के रूप में लगातार 20 वर्ष पूरे करने के उपलक्ष में रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी की तरफ से दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में दिनांक 27, 28 और 29 अक्टूबर को एक राष्ट्रीय परिषद का आयोजन किया जाएगा।

विनय सहस्त्रबुद्धे ने आगे कहा कि परिषद का उद्घाटन 27 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के द्वारा किया जाएगा और इसकी अध्यक्षता महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस और रामभाऊ म्हालगी  प्रबोधिनी के अध्यक्ष करेंगे 29 अक्टूबर को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा इस परिषद का समापन किया जाएगा।

"डिलीवरिंग डेमोक्रेसी रिवीविंग टू डिकेड्स आफ द नरेंद्र मोदी ऐज हेड आफ गवर्नमेंट" नामक इस नेशनल कॉन्फ्रेंस में प्रख्यात पत्रकार आर जगन्नाथन अर्थशास्त्री राजीव कुमार, संजीव सान्याल, कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यन, राजनयिक लक्ष्मीपुरी सुजय चिनॉय, नीति विश्लेषक मुकुल आशेर, शामिका रवि और प्रशासनिक अधिकारी अनिल मुकीम, हसमुख अधिया अशोक डलवाई उद्योगपति मनीष साबरवाल, मिलिंद कांबले, रवि पंडित, सुमंत सिन्हा, राजीव मंत्री तथा सांसद बैजयंत जय पांडा, सुशील मोदी और कई अन्य विशेषज्ञ शामिल होंगे ।

राष्ट्रीय परिषद के मुख्य विषयों में प्रधानमंत्री मोदी की कार्यकुशलता शिक्षा और कौशल विकास में उनके सुधार, उनकी आर्थिक नीतियां एवं सामाजिक कल्याण प्रति उनका दृष्टिकोण, विज्ञान प्रौद्योगिकी, कृषि क्षेत्र में उनके परिवर्तनकारी नीतियां भारत को दुनिया में एक अग्रणी शक्ति बनाने के लिए उनके विदेश नीति की उपलब्धियां, कोविड-19 महामारी में उनका प्रबंधन, स्वास्थ्य में सुधार और कमजोर लोगों के सामाजिक न्याय के लिए उनका उत्थान शामिल है।

एक पत्रकार वार्ता में विनय सहस्त्रबुद्धे के अतिरिक्त रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के महानिदेशक रविंद्र साठे, कमलाकांत पाठक और आशुतोष मिश्रा भी शामिल थे।  DDS